अथा नो वस्यसस्कधि – सामवेद मंत्र से यशस्वी जीवन की प्रार्थना

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अथा नो वस्यसस्कधि। – सामवेद १०४७

शाब्दिक अर्थ: प्रभो! अब तो आप हमें यश से युक्त करिए।

यह मंत्र सामवेद की उस धारा का प्रतीक है, जिसमें मानव ईश्वर से प्रार्थना करता है कि वह उसे केवल सांसारिक नहीं, बल्कि आत्मिक यश भी प्रदान करे।

अथा नो वस्यसस्कधि – सामवेद मंत्र | यश की प्रार्थना | वैदिक ज्ञान

"अथा नो वस्यसस्कधि" मंत्र की भावपूर्ण व्याख्या:

हे प्रभो! हमारे जीवन को यशस्वी बनाइए। हमें उन कर्मों की ओर प्रेरित कीजिए, जिनसे समाज में हमारा नाम आदर के साथ लिया जाए। आप हमें आंतरिक शत्रुओं—काम, क्रोध, ईर्ष्या, लोभ—पर विजय दिलाइए ताकि हम धर्म, सेवा और सत्य के पथ पर चल सकें।

जीवन में यश का अर्थ:

  • केवल प्रशंसा नहीं, बल्कि सम्मानपूर्वक जीना।
  • दूसरों के जीवन में प्रकाश फैलाना।
  • विनम्रता, सेवा और ईमानदारी से जीना।

वर्तमान संदर्भ में उपयोगिता:

आज की भागदौड़ भरी दुनिया में यह मंत्र आत्मिक स्थिरता और यथार्थ यश की प्रेरणा देता है। यदि हम सच्चे हृदय से यह प्रार्थना करें और उसके अनुरूप आचरण करें, तो हमारा जीवन निश्चय ही यशस्वी, कल्याणकारी और दिव्य बन सकता है।

"यश उन्हीं को मिलता है जो भीतर से तेजस्वी और बाहर से विनम्र होते हैं।"

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