संस्कृत श्लोक व्याख्या अहमिन्द्रो न परा जिग्य इद्धनम् | Rigveda 10.48.5 का अर्थ और आत्मबल बढ़ाने की प्रेरणा जून 09, 2025
वैदिक संस्कार हम किसी के ऋणी न रहें – ऋग्वेद का प्रेरक सन्देश | अनृणाः स्याम। - ऋग्वेद 6.117.3 मई 14, 2025