डोनाल्ड ट्रंप का बजट बिल 2025: टैक्स कटौती, हेल्थ, क्लीन एनर्जी और भारत पर असर
4 जुलाई 2025 को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 'वन बिग ब्यूटीफुल बिल (OBBB)' पर हस्ताक्षर कर इसे स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कानून का रूप दे दिया। यह विधेयक अमेरिकी संसद के निचले सदन से पारित होने के एक दिन बाद हुआ।
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बिल की प्रमुख बातें:
- 2017 की टैक्स कटौती को स्थायी बनाना
- स्टैंडर्ड डिडक्शन और वर्किंग क्लास के लिए विशेष छूट
- Medicaid और SNAP जैसी योजनाओं में पात्रता कड़ी करना
- क्लीन एनर्जी सब्सिडी में कटौती
- रेमिटेंस पर 1% टैक्स लगाना
- अमेरिकी कर्ज सीमा में $5 ट्रिलियन की वृद्धि
टैक्स कटौती और असर:
इस बिल में टॉप टैक्स ब्रैकेट (39.6%) को घटाकर 37% कर दिया गया है। साथ ही, निम्न और मध्यम वर्ग को राहत देने के लिए:
- $25,000 तक की टिप्स टैक्स फ्री
- $12,500 तक की ओवरटाइम आमदनी टैक्स फ्री
हालांकि, यह छूट 150,000 डॉलर सालाना आय वालों के लिए सीमित है। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे उच्च आय वर्ग को अधिक लाभ मिलेगा।
सोशल सिक्योरिटी प्रोग्राम्स में बदलाव:
Medicaid: अब इसमें पात्रता के लिए सप्ताह में 80 घंटे काम करना जरूरी होगा और हर छह महीने में पात्रता दोबारा प्रमाणित करनी होगी। इससे लाखों लोग प्रभावित हो सकते हैं। CBO के अनुसार, 2034 तक 1.18 करोड़ लोग हेल्थ कवरेज खो देंगे।
SNAP (खाद्य सहायता): जिन राज्यों की पात्रता जांच त्रुटि दर 6% से अधिक होगी, उन्हें 5–15% खर्च खुद उठाना होगा। इससे फूड प्रोग्राम में बजट कटौती की आशंका है।
क्लीन एनर्जी योजनाओं पर प्रभाव:
बिल में सोलर और विंड एनर्जी प्रोजेक्ट्स को मिलने वाला 30% टैक्स क्रेडिट 2028 से पहले चालू प्रोजेक्ट्स तक सीमित कर दिया गया है। इसके परिणामस्वरूप:
- नई फैक्ट्रियों में उत्पादन ठप पड़ सकता है
- हजारों लोगों की नौकरियाँ खतरे में
- अमेरिका की हरित ऊर्जा प्रगति को झटका
Elon Musk और SEIA जैसे संस्थानों ने इसका विरोध किया है। ट्रंप ने पलटवार करते हुए कहा कि "एलन को साउथ अफ्रीका लौट जाना चाहिए।"
अमेरिकी कर्ज़ सीमा और विपक्ष:
इस विधेयक के तहत कर्ज सीमा $36.1 ट्रिलियन से $41.1 ट्रिलियन तक बढ़ाने का प्रस्ताव है। Elon Musk ने पोस्ट किया, "अगर हर बार लिमिट बढ़ानी है तो लिमिट का मतलब क्या है?"
यह भी बताया गया कि यह बिल 2025-2034 के बीच $3.4 ट्रिलियन का घाटा पैदा करेगा।
भारत पर प्रभाव:
अमेरिका से भारत में पैसे भेजने वाले प्रवासियों को अब 1% रेमिटेंस टैक्स देना होगा। शुरू में यह दर 5% प्रस्तावित थी जिसे घटाकर 1% कर दिया गया है।
भारत के लिए क्या मायने हैं:
- भारत को प्रत्यक्ष रूप से नुकसान नहीं है
- भारतीय प्रवासियों को अब हर रेमिटेंस पर अतिरिक्त टैक्स देना होगा
- यह टैक्स नीति नैतिक रूप से गलत मानी जा रही है क्योंकि भारतीय पहले से ही अमेरिकी टैक्स कानून का पालन करते हैं
GTRI के प्रमुख अजय श्रीवास्तव ने कहा, "यह दर्शाता है कि अमेरिका हर स्रोत से अंतिम डॉलर भी निकालना चाहता है – चाहे वह रेमिटेंस हो या इंपोर्ट ड्यूटी।"
निष्कर्ष:
डोनाल्ड ट्रंप का 'वन बिग ब्यूटीफुल बिल' टैक्स सुधार के नाम पर अमीर वर्ग को राहत और वंचित वर्ग को चुनौतियाँ देता है। Medicaid और SNAP जैसी योजनाओं की सख्त शर्तें गरीब वर्ग पर असर डालेंगी। क्लीन एनर्जी सेक्टर को गंभीर झटका मिलेगा और भारतीय प्रवासी भी प्रभावित होंगे।
यह बिल ट्रंप के 2024 चुनावी वादों को पूरा करता है, लेकिन सामाजिक न्याय, पर्यावरण और प्रवासी भारतीयों के लिए चिंताओं का कारण है।
